द लेसन
The Lesson हिंदी भाषा में कहें तो शिक्षा और बोली में कहें तो सीख। जहाँ शिक्षा, समाज की एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। वहीँ सीख या सीखना एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं। जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति अनेक क्रियाऐं एवं उपक्रियाऐं करता है। अतः सीखना किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है।
यूजन आयनेस्को का नाटक The Lesson (1951) बर्तमान परिवेश को देखते हुए शिक्षा की पद्धति, प्रणाली और व्यवस्था पर कुठारा घात करती है। प्रोफ़ेसर के पास छात्रा आती है कि उसे डॉक्टरेट की उपाधि चाहिए। प्रोफ़ेसर उससे कुछ प्रश्न पूछते है। छात्रा झटसे उत्तर दे देती है। प्रोफेसर खुश हो उससे सवाल-दर-सवाल करते जाते है। छात्रा भी उत्तर-दर-उत्तर देती रहती है। प्रोफेसर की परिचारिका घबराकर कई बार इस कृत्य को रोकने की असफल कोशिश करती है। अचानक एक सवाल का जवाब छात्र नहीं दे पाती। प्रोफेसर सवाल को कई तरह से सरल कर पूछता है, पर कोई लाभ न देख क्रोधित हो जाता है। जो क्रमशः बढ़ता जाता है। परिस्थित बिगड़ते देख परिचारिका घबड़ा जाती है। छात्रा के दांत में दर्द उभर आता है, वो प्रोफ़ेसर को बताती है। प्रोफ़ेसर नजर अंदाज कर अपनी ही धुन में प्रश्न का उत्तर देने का आग्रह करता जाता है, उत्तर न पाकर अंततः छात्रा का खून कर देता है। परिचारिका को इस अंत की जानकारी थी। जो पिछले चालीस छात्र-छात्राओं के साथ प्रोफेसर करता आया है। जिसकी गवाह परिचारिका है।
The Lesson अवान्तर रंगधारा के प्रतिनिधि नाटकों में से एक है।
उपरोक्त चित्र दो दिवसीय राष्ट्रीय अंतरंग नाट्य समारोह का आयोजन फोरम फ़ॉर इंटीमेट थिएटर एक्टिविस्ट द्वारा प्रोसीनिम आर्ट सेंटर के सहयोग से कोलकाता में सम्पन्न 2017 में हुई थी। जिसमें 'प्रस्थान' कोलकाता ने The Lesson नाटक को अंतरंग नाट्य शैली में प्रस्तुत किया था। निर्देशन रितो दिप का रहा, जिसने प्रोफेसर की भूमिका भी अदा की थी।
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