Posts

Showing posts from October, 2022

भारतीय मूकाभिनय के नक्षत्र : पद्मश्री निरंजन गोस्वामी

Image
मूकाभिनय गुरु पद्मश्री निरंजन गोस्वामी   माइम यानी मूकाभिनय आज भारत में एक प्रदर्शन कला विशेष के रूप में परिचित है। और इस परिचिय को दिलाने में जिन भारतीय कलाकारों का अथक परिश्रम है। उन्हीं में से एक हैं निरंजन गोस्वामी । भारत सरकार ने मूकाभिनय कला के लिए उनके द्वारा किया गए योगदान को सम्मानित करने के लिए उन्हें पद्म अलंकरण से भूषित किया है। यह जानना दिलचस्प है कि जैक्स कोपे कौमेडिया डेल'आर्टे और जापानी नोह थियेटर से बहुत अधिक प्रभावित थे और अपने अभिनेताओं को प्रशिक्षित करते समय नकाब का इस्तेमाल किया करते थे। उनका शिष्य  इटेने डेकरोक्स उनसे प्रभावित था। जो आगे चलकर माइम के विकासशील संभावनाओं का विकास करने लगा और कॉरपोरियल माइम का विकास मूर्तिकला शैली में किया, प्रकृतिवाद के एक विभाग के रूप में इसे प्रतिष्ठित किया। प्रशिक्षण के तरीकों द्वारा माइम और भौतिक थिएटर के विकास में जैक्स लेकौक ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।  भारत में माइम बीसवीं शताब्दी के मध्य में प्रचलित और पल्लवित होता गया। इस कला के वरिष्ठ शिल्पी पद्म अलंकरण से अलंकृत श्री निरंजन गोस्वामी से इस...

মহামায়াতন্ত্রম

Image
৬৪ তন্ত্র পরিগণন-এর মধ্যে প্রথমা মহামায়া তন্ত্র। তাই তাঁর মহত্বের বিষয় বোধ করা যায়। মহামায়া ' নামোল্লেখ বহু গ্রন্থকার দ্বারা উল্লেখিত। নিত্যাষোড়শীকার্ণব এর অনুরূপ ৬৪ প্রকারের তন্ত্র গ্রন্থ বিদ্যমান। সেই সব গ্রন্থের মধ্য প্রথম নাম মহামায়া তন্ত্রের। এটি পূর্ন তন্ত্র গ্রন্থ নয়। শ্রী বজ্রশেখর তন্ত্রের একটি ভাগ মাত্র। অত্যন্ত গুুত্বপূর্ণ হওয়ায় তাই প্রাচীন কাল থেকে পৃথক ভাবে চর্চিত। তন্ত্র তিন প্রকার - হেতু, ফল এবং উপায়। এই তন্ত্রে সংক্ষিপ্তকারে হেতু, ফল ও উপায়ের বর্ণনা পাওয়া যায়। এটি বজ্রডাকিনী নামক পরম গুহ্য তন্ত্র। সেই পরিণীত হয়ে মহামায়া, যার ফলে এর নাম মহামায়া। এখানে বুদ্ধ ডাকিনী, বজ্র ডাকিনী, রত্ন ডাকিনী, পদ্ম ডাকিনী এবং বিশ্ব ডাকিনী দেবী রূপে গণ্য। তারাই মূল তত্ত্ব। এঁদের দ্বারাই সমগ্র জগৎ ব্যাপ্ত। প্রথম নির্দেশ মংলাচরণ।