फर्स्ट पर्सन - ऋतुपर्णो घोष

"पहली बार किसने बातें करना सिखाया था, याद नहीं। काले रंग के ऊपर लाल रंग से पंक्षियों की आकृतियां बनी हुई घर पर एक बेडकवर रहा करती थी। उसे देख पहले पहल पंक्षी पहचानना सीखा। तब पंक्षी नहीं कह पाता था। कहता था 'कपि'। पहला गीत सिखाया मौसी ने। 'आलो आमार आलो ओगो' नहलाने से पहले तेल मलते मलते। 'पॉथेर पाचाली' पहली दफा खरीदकर दी बुआ ने। तब बुआ की शादी भी न हुई थी। पिताजी की सबसे छोटी बहन श्याम वर्ण, बालों की चोटी मोटी। अपु-दुर्गा की कहानी को पढ़कर लगा, बुआ मेरी दीदी होती तो अच्छा होता। फाउंटेन पेन से लिखना पहली बार पिताजी ने सीखाया। महाभारत पढ़ने की विधि भी। राजशेखर बसु की महाभारत। शाम को अपने होमवर्क निपटा कर हम तीन लोग बैठ जाते। बाबा पढ़ते। दादी अम्मा और मैं सुनता। बाबा ने ही बताया था कि कैसे अजायबघर को देखा जाता है। उत्तरभारतीय मंदिरों से दक्षिणभारतीय मंदिरों के फर्क को समझाया था। उन्होंने ही बताया था U के बगैर Q अक्षर से अंग्रेजी शब्द निर्मित नहीं होता। बताया था अंग्रेजी वर्णों को दरअसल रोमन कहा जाता है। माँ को गाना नहीं आता था। इसलिए 'संचयिता' पढ़कर म...